आजमगढ़ एसपी ने 3 आरक्षियों को किया निलम्बित।
पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर धनउगाही का लगा था आरोप।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने सख्त कार्रवाई करते हुए तीन आरक्षियों के खिलाफ मामला संज्ञान में आने के 24 घंटे के अंदर ही निलम्बित कर दिया। उक्त आरक्षियों पर पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर 2200 रूपये लेने का पीड़ित द्वारा आरोप लगाया गया था। जिसकी खबर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल हो गयी। एसपी ने इस मामले की जांच क्षेत्राधिकारी नगर को सौंपा है।
गम्भीरपुर थाना क्षेत्र के अंबरपुर ग्राम निवासी अभय चौहान ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। बीते आठ नवंबर को अभय चौहान वाराणसी स्थित पासपोर्ट कार्यालय पर अपने आवेदन का सत्यापन कराकर घर लौट आया। इस बात की जानकारी पाकर बीते शनिवार को गम्भीरपुर थाने पर तैनात आरक्षी अतुल मिश्रा पासपोर्ट आवेदक अभय चौहान के घर पहुंच गया। आरक्षी ने अभय से पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर 2200 रुपए मांगे। इस बावत आवेदक अभय द्वारा पूछे जाने पर आरक्षी अतुल ने बताया कि पासपोर्ट सत्यापन हेतु उपर के अधिकारियों तक पैसा पहुंचाना पड़ता है। इसके बाद आरक्षी ने अभय से 2200 रुपए वसूल लिए। पीड़ित ने यह जानकारी मीडिया को दी। सोशल मीडिया पर यह खबर प्रसारित होते ही थाना प्रभारी गम्भीरपुर विनय कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उक्त आरक्षी को तलब किया और उसे कड़ी फटकार लगाते हुए पीड़ित को पैसे वापस कराए।
मामला एसपी के संज्ञान में आया तो उन्होंने तेवर कड़े करते हुए थाना प्रभारी से इस मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया। उनकी जांच रिपोर्ट मिलने पर एसपी ने इस मामले में संलिप्त पाए गए कंप्यूटर आपरेटर आरक्षी ज्ञान यादव, आरक्षी अतुल मिश्रा एवं विजय यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए मामले की जांच क्षेत्राधिकारी नगर को सौंपी है। इस संबंध में एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल का कहना है कि सीओ सिटी की जांच रिपोर्ट मिलने पर दोषी पाए गए आरक्षियों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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