Saturday, 18 November 2023

आजमगढ़ बहन पर गलत निगाह रखने पर की थी सूरज की हत्या पुलिस मुठभेड़ में दोनों हत्यारोपी को लगी गोली 2 तमंचा, कारतूस, हत्या में प्रयोग किया हुआ चाकू बरामद


 आजमगढ़ बहन पर गलत निगाह रखने पर की थी सूरज की हत्या


पुलिस मुठभेड़ में दोनों हत्यारोपी को लगी गोली


2 तमंचा, कारतूस, हत्या में प्रयोग किया हुआ चाकू बरामद




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ तमसा नदी में हत्या कर फेके गए शव मामले का अनावरण करते हुए शहर कोतवाली पुलिस ने दो हत्यारोपियों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। दोनों बदमाशों के दाहिने पैर में गोली लगी है। बदमाशों के पास से हत्या में प्रयुक्त चाकू, असलहा, कारतूस व मोटरसाइकिल बरामद की गई है। गिरफ्तार बदमाशों ने बताया कि बहन पर गलत निगाह रखने कारण उन्होंने हत्या की घटना को अंजाम दिया था।


प्रभारी निरीक्षक कोतवाली शशि मौली पाण्डेय अपने हमराहियों के साथ बीती रात करीब 8:30 बजे हाफिजपुर चौराहे पर चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि मनचोभा गाँव की तरफ जाने वाले सिक्स लेन बाईपास से मोटरसाइकिल से कुछ बदमाश आने वाले हैं। मौके पर पहुंचकर पुलिस द्वारा बदमाशों का इंतजार किया जाने लगा। कुछ समय बाद दो बदमाश एक मोटर साइकिल पर आते दिखाई दिये। पुलिस द्वारा उन्हें रुकने का इशारा किया गया। पुलिस को देख उक्त मोटरसाइकिल सवार मुड़कर भागने की कोशिश करने लगे लेकिन मोटर साइकिल फिसल जाने से वह दोनों गिर गए। पुलिस से घिरा हुआ देख बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाशों को दाहिने पैर में गोली लग गई।


घायल बदमाशों की पहचान मो0 आमिर पुत्र कासिम उर्फ चुन्ने खाँ तथा अंकुश यादव पुत्र रामबदन यादव निवासी मनचोभा थाना कोतवाली जनपद आजमगढ़ के रूप में की गयी। बदमाशों के पास से दो तमंचा कारतूस व चाकू सहित बुलेट मोटरसाइकिल बरामद की गई है। बता दे कि दोनों बदमाश 13 नवंबर को ककरहटा के पास तमसा नदी में हत्या कर फेके गए सूरज की हत्या में आरोपित थे।


पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त मो0 आमिर ने बताया कि मैं, अंकुश यादव व सूरज तीनों अच्छे दोस्त थे। सूरज मेरी बहन पर गंदी निगाह रखता था व वाट्सएप्प से चैटिंग करता था, मैंने सूरज को कई बार समझाया लेकिन उसके अन्दर कोई सुधार नहीं हुआ। मैंने अपने दोस्त अंकुश यादव के साथ मिलकर सूरज की हत्या करने की योजना बनाई। उसी योजना के तहत 11 नवंबर को हाफिजपुर चौराहा के देशी ठेके पर मैं और अंकुश यादव शराब पी रहें थे। उसी समय सूरज भी आ गया। हम तीनो बैठकर शराब पीये, जब सूरज नशे में हो गया तो मैं और अंकुश पूर्व योजना के तहत सूरज की हत्या करने के लिए बुलेट मोटरसाइकिल पर बीच में बैठाकर ग्राम मनचोभा के पास स्थित शिव मंदिर से आगे जंगल में ले जाकर आम के पेड़ के पास लिटाकर चाकू से पेट व गले पर वार करके हत्या कर दिये। उसके बाद हम दोनो ने मिलकर शव को पास में ही तमसा नदी में ले जाकर फेंक दिये।

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