Friday 7 July 2023

आजमगढ़ PCS अफसर ज्योति के पति आलोक के गांव वालों ने दे दी ‘विस्फोटक’ जानकारी...


 आजमगढ़ PCS अफसर ज्योति के पति आलोक के गांव वालों ने दे दी ‘विस्फोटक’ जानकारी...



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ प्रदेश की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।इस बीच ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य की शादी का साल 2010 का कार्ड वायरल हो गया। जिसमें आलोक के नाम के साथ ग्राम पंचायत अधिकारी लिखा हुआ है। शादी के कार्ड में आलोक मौर्य को ग्राम पंचायत अधिकारी बताया गया है, जबकि वह पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं।


 ऐसे में जब संवाददाताओ  ने आलोक मौर्य के निवास स्थान आजमगढ़ के मेहनगर तहसील अंतर्गत बछवल गांव पहुंचकर वायरल शादी के कार्ड के बारे में हकीकत जानने की कोशिश की। दरअसल, आलोक मौर्य की पत्नी ज्योति मौर्य वर्तमान में बरेली के शुगर मिल में जीएम के पद पर तैनात हैं। वाराणसी की रहने वालीं PCS अधिकारी ज्योति ने पति और उनके परिवार पर दहेज मांगने का आरोप लगाया है। वहीं, आलोक का आरोप है कि ज्योति ने उनकी हत्या की साजिश रची है। 2010 में आलोक मौर्य की शादी वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के चिरईगांव निवासी ज्योति मौर्य से हुई थी


बछवल गांव में जब संवाददाताओ ने आलोक मौर्य के पिता राम मुरारी मौर्य से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया। लेकिन ग्राम वासियों ने बताया कि जो भी हुआ है, वो बहुत गलत हुआ है। मास्टर साहब (आलोक के पिता) ने अपने खून-पसीने की कमाई को बहू को पढ़ाने में लगा दिया था। नहीं तो उनकी (ज्योति मौर्य) की औकात नहीं है कि वो वहां तक पहुंच पाए। मास्टर साहब ने पैसे से पूरी ताकत लगा दी थी। उन्होंने बताया कि ज्योति जी का यह बहुत ही घिनौना काम है। ग्राम वासियों ने बताया कि इलाहाबाद में रहकर अच्छी कोचिंग, अच्छी पढ़ाई और सारी व्यवस्था ज्योति मौर्य को मिली।पूरा परिवार उनके लिए लगा रहा, क्योंकि वो पढ़ने में तेज थी।



शादी के कार्ड में आलोक मौर्य को ग्राम पंचायत अधिकारी के तौर पर लिखे जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने बताया कि उन लोगों (ज्योति मौर्य के पक्ष) ने जो कार्ड छपवाया था उसमें आलोक मौर्य को ग्राम पंचायत अधिकारी लिखा गया था। हमारे गांव में शादी के कार्ड में केवल आलोक मौर्य का नाम था, उसमें कोई पद का नाम नहीं था। गांव वालों से बातचीत में जब इस बात की भी पुष्टि की गई कि आखिर विवाह के दरमियान छपे कार्ड में झूठ बोलकर सफाई कर्मी को ग्राम विकास अधिकारी पद पर बताया गया और विवाह कराया गया तो इसकी भी सफाई गांव वालों ने अपने तरीके से दी। उनका कहना है कि गांव में बंटे किसी भी कार्ड पर पद का जिक्र नहीं था और जिस कार्ड की चर्चा हो रही है वह कार्ड खुद लड़की वालों ने बाटा था जिसका उन्हें संज्ञान भी नहीं है।


वहीं गाँव वालो ने यह भी बताया कि हमारा गांव पढ़े-लिखे लोगों का गांव है। यहां के लोग बहुत बड़े-बड़े उच्च पदों पर रहे हैं। हम लोगो के गांव की यह परपंरा रही है कि लोग बहुओं को बेटियों की तरह देखते थे और उन्हें पढ़ाते भी थे। मास्टर साहब (आलोक के पिता) ने बहू को पढ़ाया और उसमें पति आलोक ने भी सहयोग किया। उन्होंने कहा कि जिस परिवार ने, जिस ससुर ने त्याग करके उनको (ज्योति) इतना ऊंचा उठाया। जब वह उठ गई तो अपने ही पति को हिकारत भरी नजरों से देखने लगी।

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