Tuesday 13 June 2023

आजमगढ़ निजामाबाद तहसील में भ्रष्टाचार का बोल बाला, वीडियो वायरल बगैर दक्षिणा दिए तहसील में नहीं होता कोई कार्य सभी पटल पर वसूली के लिए रखे गए हैं प्राइवेट कर्मचारी


 आजमगढ़ निजामाबाद तहसील में भ्रष्टाचार का बोल बाला, वीडियो वायरल


बगैर दक्षिणा दिए तहसील में नहीं होता कोई कार्य


सभी पटल पर वसूली के लिए रखे गए हैं प्राइवेट कर्मचारी



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ तहसील मुख्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिवक्ताओं द्वारा एसडीएम कोर्ट के बहिष्कार का मामला अभी थमा ही था कि मंगलवार को न्यायालय के फौजदारी बाबू द्वारा रखे गए प्राइवेट व्यक्ति द्वारा एक वादकारी से की गई धन वसूली के मामले ने हंगामा खड़ा कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो को देखकर यही कहा जा सकता है कि तहसील मुख्यालय पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना नामुमकिन है। यहां पर कार्यरत कर्मचारी हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर पीड़ितों से धन की वसूली करने में तल्लीन हैं। रकम वसूलने के लिए तहसील के हर पटल पर बकायदा प्राइवेट व्यक्ति नियुक्त किए गए हैं।


मंगलवार को निजामाबाद तहसील अंतर्गत कप्तानगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर हरैया गांव निवासी इंद्रजीत यादव ने अपने खिलाफ दर्ज किसी मामले में रिकाल कराने के लिए एसडीएम न्यायालय में तैनात फौजदारी बाबू के टेबल पर पहुंचा। वहां पर मौजूद एक प्राइवेट व्यक्ति ने वादी मुकदमा पर पुलिस से गिरफ्तारी कराने का भय दिखाते हुए सुविधा शुल्क के रूप में दो सौ रुपए की मांग कर दी। पीड़ित व्यक्ति द्वारा असमर्थता जताने पर रुपए मांगने वाले ने बकायदा वसूली जाने वाली रकम का हिसाब बताते हुए कहा कि इसमें 100 रुपए फौजदारी बाबू, 50 रुपए हमारा तथा शेष 50 रुपए ऊपर तक पहुंचाया जाता है। 


वसूली करने वाले युवक की बात सुनकर पीड़ित व्यक्ति मजबूर होकर अपने अधिवक्ता के पास पहुंचा और उनको सारी बात से अवगत कराते हुए कुछ रुपयों की मदद मांगी। इसके बाद तो तहसील परिसर में एक बार फिर भ्रष्टाचार की चर्चा शुरू हो गई। इस बात की जानकारी होने पर मीडिया के लोग वहां पहुंच गए और पीड़ित व्यक्ति को सुविधा शुल्क उपलब्ध कराते हुए उस व्यक्ति के पास भेजा जिसने रुपयों की मांग की थी। इसके बाद तो घूस लेने का सारा कृत्य मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया गया। बाद में मीडिया वालों के दबाव के चलते पीड़ित से वसूली गई रकम उसे वापस कराई गई।


 बताते हैं कि तहसील में फौजदारी बाबू के पद पर तैनात कर्मचारी पिछले एक दशक से इस मलाईदार पद पर अंगद की तरह पांव जमाए बैठा है और उसके रसूख के चलते कोई उसे उस पद से हटाने की जुर्रत नहीं कर सकता है। इस बात को लेकर तहसील परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं के बीच जब से यह बात आई भाजपा सरकार, चहुंओर बढ़ गया भ्रष्टाचार की चर्चा जोरों पर रही।

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