कानपुर दुस्साहस, हत्या के बाद खून का एक-एक कतरा निचोड़ा
फिर ठिकाने लगाए शव के टुकड़े, बोरी में ब्लड की एक बूंद भी न मिली
उत्तर प्रदेश कानपुर के कर्नलगंज थाना इलाके में लालइमली के पीछे अपोलो अस्पताल वाली गली में तीन बोरियों में भरे मिले युवक के शव की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी है। हत्या क्यों की, किसने की जैसे तमाम सवालों का जवाब तभी मिलेगा, जब शव की पहचान होगी। इसके बाद ही पुलिस रंजिश, प्रेम-प्रसंग या अन्य बिंदुओं पर जांच कर आरोपी तक पहुंच सकती है। बहरहाल, वारदात को अंजाम देने वाला हत्यारा है बड़ा शातिर। शव को ठिकाने लगाने में परेशानी होती, इस वजह से उसके टुकड़े किए गए। इतना ही नहीं हत्या के बाद खून का एक-एक कतरा घटनास्थल पर ही निचुड़ दिया लगता है। इसके बाद शव को पन्नियों में पैक कर बोरियों में भरा गया। शनिवार सुबह जब बोरियां मिलीं तो किसी भी बोरी में खून का एक भी कतरा लगा नजर नहीं आया। आशंका यह भी है कि हत्या कहीं और कर शव यहां लाकर फेंका गया है।
शव की शिनाख्त के लिए पुलिस ने पिछले 18 दिनों में गायब हुए लोगों की सूची एकत्रित करनी शुरू कर दी है। इसके साथ ही आसपास के कैमरों के फुटेज के जरिये और लोगों को सिर कटी लाश की फोटो दिखाकर शिनाख्त करने में जुटी है। रविवार को कानपुर देहात के रूरा और ककवन से गायब युवकों के परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। ऐसे में पुलिस का मानना है कि युवक शहर से बाहर का है।
इंस्पेक्टर कर्नलगंज संतोष सिंह ने बताया कि पुलिस की दो टीमों ने ग्वालटोली चौराहा, लालइमली चौराहा, चुन्नीगंज पेट्रोल पंप, बिरयानी शॉप, बकरमंडी चौराहा समेत सात स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले, लेकिन कोई संदिग्ध नहीं दिखाई दिया। वहीं सिलबट्टन चौराहे पर लगा कैमरा खराब मिला। डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने युवक की शिनाख्त और हत्या के खुलासे के लिए पुलिस की चार टीमें लगाई है। इसमें दो इंस्पेक्टर, आठ दरोगा और छह कांस्टेबल शामिल हैं। शव की शिनाख्त के बाद ही हत्या के असल कारणों तक पहुंचा जा सकेगा। थानाप्रभारी ने बताया पुलिस की टीम को चुन्नीगंज स्थित पेट्रोल पंप के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में रात पौने चार बजे कुछ मजदूर दिखाई दिए। उनके हाथ में बोरियां थीं, एक तो बोरियों का आकार काफी छोटा था। उनमें शव के टुकड़े होते तो इतनी आराम से टांगकर नहीं ले जाया जा सकता था। ऐसे में पुलिस का मानना है कि सीसीटीवी कैमरे में कैद लोग मेट्रो निर्माण में लगे मजदूर होंगे। थानाप्रभारी ने बताया कि पिछले 18 दिनों में नौबस्ता, चकेरी, शिवराजपुर, गुजैनी से युवकों के लापता होने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस ने उनके परिवार से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने शव को पहचानने से इनकार कर दिया।
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