Tuesday 24 January 2023

आजमगढ़ फूलपुर बेदखल हुए वनवासियों की गुहार पहुंची सीएम दरबार पुलिस ने रुकवाया बिना अनुमति मस्जिद निर्माण कुंभकर्णी नींद से जागा फूलपुर तहसील प्रशासन


 आजमगढ़ फूलपुर बेदखल हुए वनवासियों की गुहार पहुंची सीएम दरबार


पुलिस ने रुकवाया बिना अनुमति मस्जिद निर्माण


कुंभकर्णी नींद से जागा फूलपुर तहसील प्रशासन



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ फूलपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत सुदनीपुर चकनूरी में भूमिहीन वनवासियों को आवंटित भूमि पर तहसील प्रशासन की शह पर बगैर अनुमति मस्जिद का निर्माण कराए जाने का मामला पीड़ित पक्ष द्वारा मुख्यमंत्री दरबार पहुंच गया। इस मामले में कुंभकर्णी नींद में सोया तहसील प्रशासन मंगलवार को अचानक चैतन्य हो गया। इसके पूर्व ही मौके पर पहुंचे फूलपुर कोतवाल ने निर्माण कार्य करा रहे लोगों से अनुमति पत्र मांगा। अनुमति पत्र न दिखाने पर कोतवाल अनिल सिंह ने सरकारी गाइड लाइन का हवाला देते हुए मौके पर हो रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया। पुलिस के इस कार्रवाई की जहां लोग प्रशंसा कर रहे वहीं तहसील प्रशासन की एक पक्षीय कार्रवाई से लोगों में गुस्से का भाव नजर आया।


बताते चलें कि फूलपुर तहसील क्षेत्र के सुदनीपुर चकनुरी ग्राम पंचायत क्षेत्र के भूअभिलेख में गाटा संख्या 315 नवीन परती के खाते में अंकित है। पूर्व में इस भूमि का हिस्सा नैयर आलम पुत्र खालिक सहित पाँच भाईयों को वृक्षारोपण हेतु आवंटित कर दिया गया था। वर्ष 2003 में इन सगे भाइयों का आवंटन निरस्त कर ग्रामसभा सुदनीपुर निवासी वनवासी जाति के नौ व्यक्तियों को आवंटित कर दिया गया। जिसके विरोध में नैयर आलम बन्धुवों ने हाईकोर्ट में दावा कर स्थगन आदेश करा दिया। कुछ समय गुजरने के बाद वनवासियों का आवंटन भी निरस्त कर दिया गया। 


इसके बाद खेल शुरू हुआ और तहसील प्रशासन की मौन सहमति से उस भूमि के बगल में मस्जिद का निर्माण शुरू करा दिया गया। यह देख वनवासियों ने अपनी आवंटित भूमि का हिस्सा मानकर तहसील प्रशासन से शिकायत की। तत्पश्चात नायब तहसीलदार, लेखपाल व राजस्व निरीक्षक मौके पर पहुंचकर मस्जिद का निर्माण सही स्थल पर बताया। तहसील अधिकारी की बात से असंतुष्ट वनवासियों द्वारा इसकी आनलाइन शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की गई। वनवासियों की गुहार को सरकार ने संज्ञान में लेते हुए स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया। निर्देश मिलते ही मंगलवार की सुबह उपजिलाधिकारी फूलपुर नरेन्द्र कुमार गंगवार के साथ लेखपालों की टीम व क्षेत्राधिकारी अनिल वर्मा एवं कोतवाल अनिल सिंह भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। मस्जिद निर्माण करा रहे लोगों से प्रभारी निरीक्षक ने अनुमति पत्र की मांग की। अनुमति पत्र न दिखाने पर मस्जिद निर्माण कार्य रुकवाते हुए सीमांकन कार्य कराया गया। 


इस दौरान वनवासी पक्ष का कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं था वहां कुछ वनवासी महिलाएं उपस्थित रहीं। इस कार्यवाही के संबंध में पूछे जाने पर सरन वनवासी ने कहा की एक तो हमारा आवंटन निरस्त कर दिया गया और बिना सूचित किये मनमाने रूप से सीमांकन किया जा रहा है। विवादित भूमि की मापी के लिए जो सड़क नक्शे में अंकित नहीं उसे बिंदू मानकर भूमि का सीमांकन किया जा रहा है जबकि सरहद से सीमांकन होना चाहिए। वहीं उपजिलाधिकार फूलपुर नरेंद्र कुमार गंगवार द्वारा बताया गया कि मस्जिद का निर्माण रुकवा दिया गया है और सीमांकन कराया गया निर्माणकर्ता निर्माण अपनी भूमि में कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों में इस बात की चर्चा जोरों पर रही कि राजस्व टीम को सरकारी मापदंड नियमावली का पता नहीं वरना शिकायत के बाद भी मस्जिद का निर्माण कार्य लेखपाल, राजस्व निरीक्षक तहसीलदार द्वारा नही रुकवाना व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। इस मामले में प्रभारी निरीक्षक फूलपुर अनिल सिह का कहना है कि किसी भी पूजा स्थल का निर्माण प्रशासन की अनुमति के बगैर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में निर्माण कार्य को रोका गया है।

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