Wednesday 14 December 2022

आजमगढ़ पुलिस को है बड़ी घटना का इंतजार पहले बेटी को यातना, अब पिता की बारी पीड़ित को फोन नंबर देकर पुलिस ने बैरंग लौटाया।


 आजमगढ़ पुलिस को है बड़ी घटना का इंतजार


पहले बेटी को यातना, अब पिता की बारी


पीड़ित को फोन नंबर देकर पुलिस ने बैरंग लौटाया।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ दहेज की मांग को लेकर पति व ससुर की काम वासना का शिकार होने के साथ ही ससुराल वालों की यातनाओं को झेलने के लिए मजबूर हुई विवाहिता की तहरीर पर किसी तरह रानी की सराय थाने में मुकदमा दर्ज तो किया गया लेकिन पुलिस आरोपी पक्ष के साथ खड़ी नजर आने लगी।


 इस मामले में पीड़िता द्वारा न्यायालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए संबंधित थाने में गुहार लगाई लेकिन उसकी गुहार अनसुनी कर दी गई। अब इस मामले में बेटी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की पैरवी कर रहे पिता को मुकदमा उठा लेने के लिए धमकी दी जा रही है। पीड़ित पिता जब इस मामले में तहरीर देने फूलपुर कोतवाली पहुंचा तो थाना प्रभारी ने मामला दूसरे थाने का बताते हुए पीड़ित पिता को थाने का फोन नंबर देकर यह कहते हुए लौटा दिया कि आपके साथ कुछ होगा तो हमें सूचित करिएगा। पुलिस की इस कार्यशैली को देख तो यह कहा जा सकता है कि शायद इस मामले में पुलिस को किसी बड़ी घटना का इंतजार है।


इस मामले में बुधवार को न्याय की गुहार लगाने जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक दरबार पहुंचे फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के कतरा नूरपुर ग्राम निवासी जमालुद्दीन ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने बेटी साजिया की शादी रानी की सराय थाना क्षेत्र के मलिक शाहपुर ग्राम निवासी शफात पुत्र महताब आलम के साथ की है। ससुराल पक्ष के लोग दहेज की मांग को लेकर बेटी के साथ अत्याचार करने लगे बात इतने पर ही नहीं थमी। साजिया का पति प्रताड़ित करने की नीयत से उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने लगा। हद तो तब हुई जब साजिया के ससुर भी उसे अपनी हवस का शिकार बनाने लगा। ससुराल में बंधक बनी शाजिया ने किसी तरह यह बात अपने मायके तक पहुंचाई। पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी के साथ हो रहे अत्याचार की जानकारी के बाद जमालुद्दीन बेटी की ससुराल पहुंचे और किसी तरह से उसे मुक्त कराकर घटना के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए रानी की सराय थाने पहुंचे।


 इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बयान दर्ज कराते समय पुलिस के समक्ष उपस्थित पिता और चाचा के सामने पीड़िता ने पुलिस से अपनी आपबीती बताने से परहेज करते हुए कहा कि अपना बयान मैं न्यायालय में दर्ज कराऊंगी कारण कि मायके वालों के सामने में अपनी पीड़ा बयां नहीं कर सकती। इसके बाद तो पुलिस को मानो मौका मिल गया और पुलिस आरोपी पक्ष के दबाव में काम करते हुए न्यायालय में पीड़िता का बयान दर्ज कराने से परहेज करने लगी। इस संबंध में जब पीड़ित विवाहिता का पिता मुकदमे की पैरवी करने के लिए जिला मुख्यालय की ओर रुख किया तो इस बात की जानकारी होने पर ससुराल पक्ष के लोग पीड़िता के पिता को रास्ते में रोककर मुकदमा उठा लेने के लिए दबाव बनाने लगे। इतना ही नहीं जमालुद्दीन को कई बार हत्या की धमकी भी दी गई। 


इस संबंध में पीड़ित जब घटना की तहरीर लेकर फूलपुर कोतवाली पहुंचा तो वहां पुलिस ने मामला दूसरे थाने का बताते हुए पीड़ित जमालुद्दीन से यह कहते हुए लौटा दिया कि आप हमारा फोन नंबर ले लिजिए, आपके साथ यदि कुछ होता है तो हमें अवगत कराइएगा। आपकी मदद होगी। बुधवार को अपनी पीड़ा पुलिस अधीक्षक से बताने जिला मुख्यालय पहुंचे जमालुद्दीन ने आंखों में आंसू लेकर यह बात कही कि पहले बेटी के साथ अत्याचार हुआ और शायद पुलिस को हमारी हत्या का इंतजार है। इस मामले में अब देखना यह है कि पीड़ित पिता -पुत्री को कब तक न्याय मिल पाता है।

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