Tuesday 27 September 2022

आजमगढ़ अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में तीन साल की सजा सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सुनाया फैसला मुंबई बम ब्लास्ट केस में पहले ही मिल चुकी है आजीवन कारावास की सजा


 आजमगढ़ अबु सलेम को फर्जी पासपोर्ट मामले में तीन साल की सजा


सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सुनाया फैसला


मुंबई बम ब्लास्ट केस में पहले ही मिल चुकी है आजीवन कारावास की सजा


आजमगढ़/लखनऊ। मुंबई बम ब्लास्ट केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे माफिया डान अबू सलेम को लखनऊ में सीबीआइ कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट के मामले में तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई है। अबू सलेम के साथ उसके सहयोगी परवेज को भी इस मामले में सजा मिली है।


मुंबई में 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट मामले के फरार अपराधी अबू सलेम को अक्टूबर 2002 में पुर्तगाल में गिफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के निवासी अबू सलेम को नवंबर में भारत प्रत्यर्पित किया गया। इसके बाद से वह मुंबई की जेल में ही है। पुर्तगाल से प्रत्यार्पण की शर्त के अनुसार उसको 25 वर्ष बाद जेल से रिहा किया जाना था। इससे पहले भी उसको फर्जी पासपोर्ट के मामले में लखनऊ की सीबीआइ कोर्ट ने तीन वर्ष कैद की सजा सुना दी है।


अबू सलेम को उसके साथी परवेज आलम के साथ बीती 13 सितंबर को लखनऊ की सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया था। नवी मुंबई की तलोजा जेल से महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में लाया गया था और फर्जी पासपोर्ट के मामले में अंतिम बहस की गई। इसके बाद लखनऊ में सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने बहस/निर्णय के लिए 27 सितंबर की तारीख तय की थी। सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने मंगलवार को अबू सलेम तथा परवेज आलम को फर्जी पासपोर्ट के मामले में तीन-तीन वर्ष कैद की सजा सुना दी है। अबू सलेम ने 1993 में अपना व अपनी कथित पत्नी समीरा जुमानी का कुटरचित दस्तावजो के आधार पर फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाया था। छह जुलाई, 1993 को यह पासपोर्ट प्राप्त किया गया था। 


सूत्रो के मुताबिक अबू सलेम ने यह पासपोर्ट परवेज आलम के माध्यम से बनवाया था। उसने इस पासपोर्ट के लिए 29 जून, 1993 को आजमगढ़ में आवेदन किया गया था।

अबू सलेम आजमगढ़ जिले के सरायमीर गांव का रहने वाला है। अबू सलेम के पिता वकील थे। बचपन में ही पिता की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद वह मेकैनिक का काम करने लगा। इस बीच इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद अबु सलेम ने घर छोड़ दिया था, उसके बाद कभी लौट कर नहीं आया। अबू सलेम ने मुंबई में अपराध की दुनिया में कदम रखा और 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट केस में दोषी था।

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