Friday 16 September 2022

आजमगढ़ लाइफ लाइन हॉस्पिटल में बांग्लादेश से आए मरीज का हुआ जटिल ऑपरेशन न्यूरो सर्जन डा0 अनूप यादव की टीम ने 14 घंटे का अथक प्रयास कर सफलता पाई मरीज के दिमाग में बन गया था खून पहुंचाने वाली नसों का असामान्य गुच्छा


 आजमगढ़ लाइफ लाइन हॉस्पिटल में बांग्लादेश से आए मरीज का हुआ जटिल ऑपरेशन


न्यूरो सर्जन डा0 अनूप यादव की टीम ने 14 घंटे का अथक प्रयास कर सफलता पाई


मरीज के दिमाग में बन गया था खून पहुंचाने वाली नसों का असामान्य गुच्छा


आजमगढ़ न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में लगातार काम कर रहे लाइफ लाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की टीम द्वारा इस बार ब्रेन के जटिलतम बीमारियों में से एक आर्टेरियोवेनस मालफॉर्मेशन नामक बीमारी से ग्रसित बांग्लादेश के मरीज का सफल इलाज करके लाइफ लाइन हॉस्पिटल ने अपनी टीम की काबिलियत को विश्व पटल पर साबित किया गया है , हसन जमाँ नाम का यह मरीज 14 घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद अब पूरी तरह से स्वस्थ है आपको बता दें कि बांग्लादेश के नौगांव जनपद के रहने वाले हसून जमाल को वर्ष 2019 में मिर्गी का एक झटका आया जिसके बाद बांग्लादेश के अस्पताल में उनकी जांच हुई जहां जांच के बाद यह पता चला कि इनके दिमाग के दाहिने हिस्से में एक बड़ा सा खून की नसों का अनियंत्रित गुच्छा है जो उनके मिर्गी के झटके का कारण है।


यह बीमारी काफी जटिल बीमारी मानी जाती है जिसका इलाज सर्जरी होता है ऑपरेशन की जटिलता इससे बढ़ जाती है क्योंकि जो खून की नस ब्रेन के सामान्य हिस्से को खून प्रदान करती है और इनके सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करती हैं वही खून की नस इसको बनाने में मदद कर देती है जिसके कारण अगर इस गुच्छे को निकालने की कोशिश की जाती है तो मरीज को ब्रेन हेमरेज लकवा जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो कि उसके लिए एक बड़ा खतरा बन जाती है। परिवार के लोगों ने बांग्लादेश के साथ भारत के भी कई अस्पतालों में इस बीमारी के उपचार के बारे में परामर्श लिया।


इसी बीच उनके एक पारिवारिक मित्र ने उन्हें आजमगढ़ स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल एवं डॉ अनूप कुमार सिंह के बारे में सूचित किया , हसून जमा ने वीजा की प्रक्रिया के साथ आजमगढ़ लाइफ लाइन हॉस्पिटल में मिले यहां पर संतुष्ट होने के बाद वह वापस बांग्लादेश गए और फिर पुनः 7 सितम्बर को भर्ती हुए।


लाइफ लाइन हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरो सर्जन डॉक्टर अनूप कुमार सिंह, डॉक्टर गायत्री कुमारी, न्यूरो सर्जन डॉक्टर आकाश एवं डॉक्टर अजफर द्वारा ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू की गई । इस बेहद चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन की पूरी तैयारी करने के बाद दिनांक 10 सितंबर 22 को अंजाम दिया गया।


ऑपरेशन के दौरान उन सारी नसों को पूरी तरीके से बचाया गया जो ब्रेन के नॉर्मल हिस्से में खून का संचार कर रही थी और बड़ी ही सावधानी से उन नसों को जो कि इस गुच्छे को खून दे रही थी उन्हें धीरे-धीरे काट कर के अलग किया गया और इस तरीके से 14 घंटे चले इस ऑपरेशन में उस गुच्छे को पूरी तरीके से दिमाग से हटा दिया गया और ब्रेन की नार्मल खून की नसों को और नॉर्मल खून के संचार को बनाये रखा गया जिसके कारण पेशेंट को लकवा या दोबारा ब्रेन हेमरेज ऐसा कोई खतरा नहीं होने दिया गया ऑपरेशन के बाद की जांच में यह चीज पूरी तरह स्पष्ट हो गई कि गुच्छे को पूरी तरीके से निकाला जा चुका है और इनके नॉर्मल ब्रेन को पूरी तरीके से खून का संचार मिल रहा है।


ऑपरेशन के दौरान आजमगढ़ से बांग्लादेश तक दुआओ का सिलसिला चलता रहा। सफल ऑपरेशन के बाद हसन जमाँ अपने आप को सवस्थ महसूस कर रहे हैं वहीं उनके परिवार वालो के चेहरे पर खुशी और संतोष साफ देखी जा रही हैं।

इस इतने जटिल ऑपरेशन के बाद महज 6 दिन में अब पूरी तरह स्वस्थ होकर हसन जमाँ अब स्वदेश जाने की तैयारी में है।

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