लखनऊ डिप्टी कमिश्नर बन महिला सिपाही से छेड़छाड़ में व्यापारी गिरफ्तार
कई बड़े लोगों के फोन आने के बाद भी थानाध्यक्ष ने छोड़ने से किया मना
लखनऊ में विभूतिखंड स्थित समिट बिल्डिंग में देर रात कार अंदर ले जाने से मना करने पर कानपुर के व्यापारी विक्रान्त सिंह (45) ने महिला सिपाही से खुद को डिप्टी कमिश्नर बताया। फिर उससे छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उसके कंधे पर हाथ रख दिया और अभद्रता करने लगा। सिपाही ने चौकी प्रभारी को बताया और आरोपित को पकड़ लिया।
आरोपित ने पकड़े जाने पर रौब गांठा पर पुलिस के सामने एक नहीं चली। विक्रान्त के कानपुर में होटल और अन्य व्यवसाय है। पुलिस ने उसके खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
विभूतिखंड इंस्पेक्टर डॉ. आशीष मिश्र ने बताया कि समिट बिल्डिंग में सिपाही मौजूद थी। इसी दौरान करीब रात 11:15 बजे विक्रान्त वहां कार अंदर ले जाने लगा। मना करने पर उसने किनारे कार खड़ी की तो सिपाही ने दूसरी तरफ गाड़ी लगाने को कहा। इस पर विक्रान्त गाड़ी से उतरा और उसने सिपाही से अपना परिचय डिप्टी कमिश्नर के रूप में दिया। यह सुनते ही सिपाही स्कूटी से उतरकर खड़ी हो गई और उनसे अदब से बात करने लगी। इस बीच ही विक्रान्त ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया। उसने अभद्रता भी शुरू कर दी। इससे सकपकायी सिपाही ने कुछ दूरी पर खड़े चौकी प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मियों को सूचना दी। पुलिस ने तुरन्त ही विक्रान्त को पकड़ लिया।
विक्रान्त की गिरफ्तारी की खबर उसके परिवारीजनों को पुलिस ने दी। बस, कुछ देर बाद ही उसकी पैरवी के लिये कई बड़ों के फोन इंस्पेक्टर के पास आने लगे। इंस्पेक्टर ने सबको उसकी करतूत बताकर छोड़ने से मना कर दिया। बुधवार को उसके परिवारीजन भी विभूतिखंड कोतवाली पहुंचे। इन लोगों ने विक्रान्त के साथ ज्यादती होने की बात कही। इस पर इंस्पेक्टर आशीष ने समिट बिल्डिंग से लिये फुटेज को परिवारीजनों को दिखा दिया। फुटेज में वह अभद्रता करते दिखा। इस पर परिवारीजन भी चुप हो गये।
एडीसीपी पूर्वी सै. अली अब्बास के मुताबिक विक्रान्त के खिलाफ छेड़छाड़ के अलावा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। उसने जब वारदात की तब महिला सिपाही वर्दी में थी। जब पुलिसकर्मी के साथ ऐसा व्यवहार किया गया तो आम महिलाओं के साथ वह कभी भी ऐसी बदसलूकी कर सकता है। इस वजह से ही उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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