Tuesday 19 July 2022

अलर्ट : आज पृथ्वी से टकरा सकता है सोलर तूफान जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट सिग्नल में भी पैदा हो सकती रुकावट ब्लैकआउट और हवाई यातायात बाधित होने की आशंका


 अलर्ट : आज पृथ्वी से टकरा सकता है सोलर तूफान



जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट सिग्नल में भी पैदा हो सकती रुकावट



ब्लैकआउट और हवाई यातायात बाधित होने की आशंका



नई दिल्ली/वाशिंगटन। सूर्य से निकलकर एक विशाल सौर ज्वाला (solar flare) धरती को ओर बढ़ रही है! इस भयानक सौर ज्वाला के जल्द ही पृथ्वी से टकराने की आशंका है। इससे एक शक्तिशाली सौर तूफान उत्पन्न हो सकता है, जो यहां रेडियो ब्लैकआउट का कारण बनने के लिए काफी है। इसकी वजह से जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट सिग्नल में भी रुकावट पैदा हो सकती है।



जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है। यह सोलर फ्लेयर 14 जुलाई को सूर्य की सतह से फूटा था और पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में भी एक भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी से टकराया था जिससे कनाडा के ऊपर चमकीला अरोरा (तेज रोशनी का पुंज) बन गया था।

अंतरिक्ष मौसम विशेषज्ञ डॉ. तमिथा स्कोव ने सूर्य से निकलने वाली इस सौर ज्वाला के बारे में ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया पोस्ट की है। तमिथा स्कोव ने ट्विटर पोस्ट में कहा, "नया क्षेत्र 3058 एम 2.9-फ्लेयर फायर करता है! यह अब एक्स-फैक्टर के साथ सूर्य पर चौथा क्षेत्र है। एनओएए ने एक्स-फ्लेयर होने वाले जोखिम को 10 फीसदी बताया है, लेकिन यह जल्द ही बढ़ सकता है।"



एक्स-क्लास फ्लेयर का क्या मतलब है?



सोलर फ्लेयर्स के लिए एक्स-फैक्टर सबसे तीव्र फ्लेयर्स में से एक को दर्शाता है और संख्या के साथ-साथ सौर ज्वाला की तीव्रता का प्रतीक इसकी ताकत को दर्शाता है। सौर ज्वालाओं को उनकी तीव्रता के आधार पर चार वर्गों - ए, बी, सी, एम और एक्स में वर्गीकृत किया गया है। इसमें सबसे शक्तिशाली सोलर फ्लेयर एक्स-क्लासिफाइड सोलर फ्लेयर होगा, जबकि एम दूसरा सबसे शक्तिशाली सोलर फ्लेयर है। उन्होंने सूर्य की ज्वालाओं की पृथ्वी से सीधी टक्कर की भविष्यवाणी की है।

पृथ्वी पर सोलर फ्लेयर्स का प्रभाव डॉ. स्कोव ने आगे कहा कि "अधिक रेडियो ब्लैकआउट से पृथ्वी पर दिन में रेडियो संचालन को प्रभावित करने की संभावना है।


 जीपीएस उपयोगकर्ता सुबह और शाम के समय सतर्क रहें।” इसका मतलब है कि सौर तूफान से पृथ्वी पर जीपीएस नेविगेशन सिस्टम के ब्लैकआउट होने की उम्मीद है। यह छोटे विमानों के साथ-साथ बड़े जहाजों की यात्रा को भी बाधित करने में सक्षम है।रेडियो ब्लैकआउट की संभावना-

हाल में सौर सतह पर एक विशाल सनस्पॉट और फिलामेंट्स ने खगोलविदों को भी पृथ्वी की ओर आ रहे फ्लेयर्स के बारे में चिंतित कर दिया था जिससे पृथ्वी के कुछ क्षेत्रों में ब्लैकआउट हो सकता है। 



इस बीच नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि सूर्य से बड़े पैमाने पर भड़की सौर ज्वाला दुनिया के कई हिस्सों में रेडियो ब्लैकआउट पैदा कर सकती है।



सोलर फ्लेयर्स क्या हैं?



नासा के मुताबिक, "सोलर फ्लेयर्स सनस्पॉट से जुड़ी चुंबकीय ऊर्जा के रिलीज होने से आने वाले विकिरण का एक तीव्र विस्फोट है। सोलर फ्लेयर्स हमारे सौर मंडल की सबसे बड़ी विस्फोटक घटनाएं हैं। इसे सूर्य पर उज्ज्वल क्षेत्रों के रूप में देखा जाता है और वे मिनटों से घंटों तक रह सकते हैं।

सोलर फ्लेयर को कोरोनल मास इंजेक्शन (सीएमई) के रूप में भी जाना जाता है। सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट माने जाते हैं, इनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। ये फ्लेयर्स मध्यम, मजबूत और तेज रोशनी वाले हो सकते हैं।



नासा ने 19 जुलाई की सुबह (भारतीय समयानुसार) इस प्रभाव के चरम पर होने की संभावना जताई है। इससे जीपीएस और रेडियो तरंगों में व्यवधान हो सकता है। इस साल मार्च में पृथ्वी अलग-अलग भू-चुंबकीय तूफानों की चपेट में आ गई थी। हालांकि भू-चुंबकीय तूफानों से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन तभी से आशंका थी कि भविष्य में और अधिक शक्तिशाली तूफान आ सकते हैं।

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