आजमगढ़ बिजली की समस्याओं को लेकर कांशी राम आवास के लोगों ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
आजमगढ़ से अमित खरवार की रिपोर्ट।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ संतलाल तूफानी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि काशीराम आवास निवासी मोहल्ला रैदोपुर, डी0ए0वी0 पुरानी जेल के पीछे जिला आजमगढ़ के निवासी हैं। सन् 2010 में उ०प्र० सरकार द्वारा निहायत गरीब, बेसहारा, आवासहीन मजदूर और विकलांगों तथा विधवाओं को आवास आवंटित किया गया, उस समय अधिकारियों द्वारा कहा गया कि आवास बिजली पानी सरकार ने मुफ्त प्रदान किया है। यह आश्वासन अधिकारियों द्वारा झूठा था तो बसपा शासनकाल में बिजली का बिल क्यों नहीं दिया गया।
उसके बाद सपा के पाँच साल के शासनकाल में बिजली बिल क्यों नहीं दिया गया। फिर भाजपा के पाँच साल के शासनकाल में बिजली का बिल क्यों नहीं दिया गया। वर्तमान सरकार भाजपा को जब दुबारा सन् 2022 में आयी है तब जून माह 2022 में पूरे 12 वर्ष बाद एक मुश्त बिजली का बिल दिया जा रहा है जो 14 लाख तक का बिल है जो गरीब रोटी को मोहताज, झाडू पोछा बर्तन मांजकर या अन्य मजदूरी करके किसी तरह जीवन यापन कर रहा है, एकमुश्त 12 साल का बिल कहाँ से कैसे जमा कर सकता है।
यह सोचनीय विषय है. यही बिजली का चार्ज शुरू में एक या दो माह का बिजली बिल दिया गया होता तो गरीब अपना पेट काटकर किसी तरह बिजली का बिल जमा किया होता। गरीब मजदूर अधिकारियों के झूठे आश्वासन में नहीं फँसता।
झूठे आश्वासन को सजाय गरीब मजलूम मजदूरों को क्यों दिया जा रहा है। यह कहाँ तक न्यायसंगत हैं।
अतः शासन-प्रशासन से विनम्र प्रार्थना है कि गरीबों की हालात पर मानवीय दृष्टिकोण से तरस खाकर उनकी लाचारी को देखते हुए 2010 से 2022 तक पिछला बिल माफ किया जाय। इन गरीबों की गरीबी, बेरोजगारी को देखते हुए कम से कम जो हो सके, बिजली का बिल निर्धारित किया जाय, जो गरीब प्रतिमाह बिजली का बिल जमा करता रहे। हित में कार्यवाही के लिए यह गरीब सदा के लिए शासन-प्रशासन का आभारी रहेगा।
इस मौके पर सगीर अहमद राकेश गुप्ता पिंटू मोदनवाल रामकुमार वसीम अहमद कुमार गौड़ राजू शिल्पकार सरोज सहित काफी संख्या में कॉलोनी वासी उपस्थित रहे
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