आज़मगढ़ एसपी के नाम पर दरोगा ने की धोखाधड़ी
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ सिधारी थाने में दर्ज एक मुकदमे की जांच करने वाला दरोगा एसपी के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए मुकदमे की फाइल स्वयं दबाकर बैठ गया। मामला संज्ञान में आने पर एसपी ट्रैफिक से जांच कराई गई तो सच उजागर हुआ। दोषी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
जानकारी के मुताबिक पतरूराम विश्वकर्मा सिधारी थाने के कटघर गांव के निवासी हैं। वह आरटीआई कार्यकर्ता हैं। पतरू ने सिधारी थाने में एक दरोगा के खिलाफ धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच सिधारी थाने में तैनात उपनिरीक्षक सूरज चौधरी को सौंपी गई थी। सूरज चौधरी ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया। जब पतरू ने दरोगा से दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच के संबंध में पूछा तो उपनिरीक्षक ने कहा कि एसपी का दवाब है। फाइल वह अपने पास मंगा लिए हैं। 9 दिसंबर 2021 को पतरू ने इसकी शिकायत एसपी से की तो उन्होंने एसपी ट्रैफिक को मामले की जांच सौंप दी। एसपी ट्रैफिक सुधीर जायसवाल की जांच में सिधारी थाने पर तैनात दरोगा सुरज चौधरी दोषी पाए गए। कार्रवाई के लिए उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट एसपी को सौंप दिया।
पतरू विश्वकर्मा ने बताया कि उक्त मामले में दोषी दरोगा के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। इस संबंध में वह जब दंड लिपिक को पत्र भेजकर पूछा तो जवाब मिला कि उपनिरीक्षक सूरज चौधरी को चेतावनी दी गई है।
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि मामले की एसपी ट्रैफिक से जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है।
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