Sunday 27 March 2022

विधानसभा में अब योगी व अखिलेश होंगे आमने- सामने


 विधानसभा में अब योगी व अखिलेश होंगे आमने- सामने



नई भूमिका में होंगी नई चुनौतियां।




लखनऊ उत्तर प्रदेश में ही सियासत करने का निर्णय कर चुके अखिलेश यादव अब विधानसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष नई भूमिका में आ चुके हैं। सदन में उनका सामना नेता सदन यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से होगा। यहां उनके पीछे 125 विपक्षी विधायक होंगे तो सामने सत्ता पक्ष के 273 विधायक। सदन में अब योगी आदित्यनाथ व अखिलेश यादव आमने सामने होंगे। मौजूदा मुख्यमंत्री के सामने पूर्व मुख्यमंत्री।




अब अखिलेश के सामने चुनौती है कि कैसे वह खुद को मजूबत नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पेश करें। अब उन्हें पांच साल इसी भूमिका में रहना है। वर्ष 2027 तक जब भी विधानसभा बैठेगी योगी आदित्यनाथ व अखिलेश यादव आमने-सामने होंगे। योगी आदित्यनाथ व अखिलेश अब तक सड़क पर जनसभाओं में और मीडिया के जरिए एक दूसरे पर हमला करते रहे हैं। अब बात आमने-सामने की है। सदन में एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे जिनके धारदार भाषण के जरिए वह विपक्ष दलों की धज्जियां उड़ाते हैं तो दूसरी ओर अखिलेश यादव के लिए नेता सदन की बातों का माकूल जवाब देने का पूरा मौका होगा।




सदन की परंपरा है कि नेता सदन व नेता प्रतिपक्ष के बोलने की समय सीमा तय नहीं होती है और वह कभी भी अध्यक्ष की अनुमति से किसी मुद्दे को उठा सकते हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह के रिश्ते दोनों के बीच रहे हैं उससे लगता है कि अब सदन में तल्खी और बढ़ सकती है। चूंकि इस बार सपा विधायकों की तादाद 47 से बढ़ कर 111 हो गई है तो जाहिर है कि इससे भी सपा का मनोबल बढ़ा हुआ है।




पिछले पांच साल जब योगी आदित्यनाथ नेता सदन रहे तो उनके सामने नेता प्रतिपक्ष व सपा के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी हुआ करते थे। इन दोनों में खूब आरोप-प्रत्यारोप चलते थे लेकिन मीठी नोकझोंक भी खूब होती थी। मुख्यमंत्री स्वंय सदन बैठने पर नेता प्रतिपक्ष व अन्य विपक्षी नेताओं से मिलने आते थे। सदन में हास परिहास भी होता था। कई मौकों पर रामगोविंद चौधरी नेता सदन पर चुटकी लेते थे तो मुख्यमंत्री भी उन्हें सधा हुआ जवाब देते थे। रामगोविंद चौधरी ने इसके बावजूद सपा की भूमिका को कमजोर नहीं होने दिया और हर मुद्दे को मजबूती से उठाया।




अखिलेश यादव ने हाल में आजमगढ़ सीट से अपनी लोकसभा सदस्यता त्याग दी है। वे मैनपुरी की करहल सीट से विधायक चुने गए हैं। पहली बार विधायक बने अखिलेश यादव पहली बार नेता प्रतिपक्ष बने हैं। वे उत्तर प्रदेश में सपा संगठन को मजबूत करने का काम में जुटेंगे।

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