Monday 7 March 2022

आजमगढ़ 11 वर्ष से एचआईवी मरीजों को जागरूक कर वंदना कुमारी, समुदाय में बनीं मसीहा।

 

आजमगढ़ 11 वर्ष से एचआईवी मरीजों को जागरूक कर

वंदना कुमारी, समुदाय में बनीं मसीहा।





150 एचआईवी गर्भवती के बच्चों को एचआईवी मुक्त कराने में निभायी अहम भूमिका  

साथ ही 75 पॉजिटिव गर्भवती व 20 बच्चों के देखरेख की निभा रही हैं ज़िम्मेदारी।



आजमगढ़ से तनवीर आलम की रिपोर्ट।



 

उत्तर प्रदेश आजमगढ़, मार्च 2022 आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने उनमें जागरूकता बढ़ाने के लिए कई विषयों पर जोर दिया जाता है। 




आज के दिन उन महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाता है, जो वर्षों से समाज की सेवा कर रहीं हैं। हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की एक खास थीम होती है, इस बार “ब्रेक द बायस” पर यह दिवस मनाया जायेगा। महिला दिवस विशेष में एक ऐसी महिला जिन्होंने कठिन सफर तय करके, बीते 11 वर्ष से एचआईवी मरीजों के घर-घर जाकर उन्हें जागरूक करने का कार्य कर रही हैं उनका नाम है वंदना कुमारी।

वंदना कुमारी ने बताया की जब मैं 10 वर्ष की थी,तो मेरे पिता की लंबी बीमारी के कारण मृत्यु हो गयी| कुछ समय बाद मां की भी तबीयत खराब होने लगी।  बीमारी के कारण मां की भी मृत्यु हो गयी।  चार बहनें अनाथ हो गयीं,तब मैं 16 साल की थी।  मेरी तीनों बहने छोटी थीं और सबकी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आ गई।  




माता – पिता की लंबी बीमारी के कारण मृत्यु हो जाने के कारण, तभी से मैंने  निश्चय किया कि बीमार लोगों, महिलाओं व बच्चों की सेवा करूंगी।  सन 2011 अक्टूबर माह में लिंक वर्कर एचआईवी (एड्स) जागरूकता कार्यक्रम से जुड़ गई।




  जिसमें घर-घर जाकर एचआईवी के बारे में जागरूक करना, और एचआईवी से पीड़ित लोगों को दवा व खानपान और एचआईवी मरीजों से भेदभाव खत्म करने के लिए, महिलाओं एवं पुरुषों को जागरूक करने का काम शुरू किया। एचआईवी मरीजों को बीमारी से लड़ने और उन्हें बचने का संकल्प लिया। 



 मेरे काम से लोग हमें पहचाने लगे। और लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्या में मैं उनकी सेवा करने लगी। 

दिसंबर 2015 में उत्तर प्रदेश नेशनल प्रोग्राम द्वारा संचालित (यूपीएनपी प्लस ) उत्तर प्रदेश वेलफेयर फॉर पीपल लिविंग विथ एचआईवी सोसाइटी अहाना में कार्य करना आरंभ किया।  जिसमें कार्य करते हुए आठ वर्ष हो गए | जिसमें अब तक लगभग 150 एचआईवी पीड़ित महिलाओं के बच्चों को एचआईवी मुक्त कराने में सहयोग किया। 



 जिसके अंतर्गत जो गर्भवती है उनकी एचआईवी जांच कराना और एचआईवी रिएक्टिव ऑन पर उसका (पीपीटीसीटी) एड्स परामर्श एवं जांच केंद्र एवं (आईसीटीसी) एकीकृत परामर्श एवंजांच केंद्र पर एचआईवी कंफर्म जांच कराना , साथ ही  दवा दिलाना तथा सुरक्षित व संस्थागत प्रसव सुरक्षित कराना है और प्रसव के बाद बच्चे कि जांच करवाना।  


मेघनगर ब्लॉक के सीएचसी पर एक गर्भवती की जांच हुई और महिला पॉजिटिव आ गई और पति नेगेटिव आया।  उसके परिवार वालों ने  उसके बर्तन बिस्तर और शौचालय का प्रयोग सब अलग कर दिया था।  हमें जानकारी मिली मैं उसके पति व परिवार वालों से मिलकर उन्हें समझाया। 




आज वह महिला दो बच्चों की मां है जिसमें दोनों बच्चे एचआईवी नेगेटिव हैं। आज परिवार के सभी लोग खुशी से जीवन बिता रहे हैं।  

कोरोना के प्रथम दौर आने और जब संपूर्ण लॉकडाउन लगा था | तब मैं एचआईवी संक्रमित गर्भवती व बच्चों को सेंटर से दवा लेकर घर-घर जाकर पहुँचाती थी।  2019 से अब तक लगभग 30 बच्चों को जो कोरोना काल में जन्म लिए उनको समय से एचवीपी दवा एवं तीनों जांच करा कर उन्हें एचआईवी मुक्त करने में सफल हुई।



 इस समय लगभग 75 पॉजिटिव गर्भवती व 20 बच्चों के खानपान, दवा व साफ-सफाई तथा समय से जांच कि देखरेख कर रही हूँ | साथ ही फरवरी 2022 से प्रत्येक ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर भ्रमण कर, प्रत्येक गर्भवती की जांच व बच्चे के टीकाकरण के बारे में एएनएम व आशा से जानकारी प्राप्त कर, उन गर्भवतियों का एचआईवी जांच व बचाव के बारे जागरूक कर रही हूँ।

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