Sunday 20 February 2022

शाहजहांपुर एसपी समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा हुआ दर्ज


 शाहजहांपुर एसपी समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा हुआ दर्ज





उत्तर प्रदेश  शाहजहांपुर जिले में दस्यु उन्मूलन के दौरान राम गंगा व गंगा की कटरी में दो लोगों को कथित रूप से पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के आरोप में 18 वर्ष बाद अदालत के आदेश पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी), अपर पुलिस अधीक्षक समेत 18 पुलिसकर्मियों पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। 




शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने शनिवार को यह जानकारी पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि अदालत के आदेश पर थाना जलालाबाद में 18 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है तथा इस मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है।




पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता एजाज हसन खां ने पीटीआई को बताया कि तीन अक्टूबर 2004 को थाना जलालाबाद के चचुआपुर गांव के ग्रामीण अपने पशुओं को लेकर कटरी में गए थे तथा वहीं पर प्रह्लाद अपने खेत की जुताई कर रहा था और इसी बीच लगभग 18 पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और खेत जोत रहे प्रह्लाद तथा धनपाल को पकड़ लिया।



 उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने दोनों के गले में कारतूस की पेटी बांधी तथा एक-एक बंदूक दोनों के कंधे पर लटकाकर एवं हाथ बांधकर कटरी के पतेल में ले जाकर उन्हें गोलियों से भून दिया और बाद में उनके शव को पुलिसकर्मी अपनी जीप में डालकर ले गए।



अधिवक्ता ने बताया कि मृतक प्रह्लाद का भाई राम कीर्ति घटना के बाद से विभिन्न आयोगों समेत अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाता रहा, परंतु उसकी जब सुनवाई नहीं हुई तो 24 नवंबर 2012 को उसने न्यायालय से पुलिसकर्मियों पर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज करने की गुहार लगाई, हालांकि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) द्वारा यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी गई कि मामले में काफी समय बीत गया है और पूरे मामले में अंतिम रिपोर्ट भी लगाई जा चुकी है।




एजाज खां ने बताया कि इसके बाद उन्होंने जिला जज की अदालत में रिवीजन अर्जी दाखिल की और तर्क दिया कि तत्कालीन जिलाधिकारी अमित घोष ने भी पूरे मामले की जांच अपर जिलाधिकारी से कराई थी, उसमें भी मामला संदिग्ध पाया गया था, ऐसे में अपर जिला जज सौरभ द्विवेदी ने रिवीजन अर्जी स्वीकार करते हुए सीजेएम आभा पाल की अदालत को पुनः सुनवाई का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि सीजेएम आभा पाल ने पिछले 28 जनवरी को 18 पुलिसकर्मियों पर धारा 302 /34 (एक राय होकर हत्या करने) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है और इसकी प्रति उन्हें (अधिवक्ता) शुक्रवार को प्राप्त हुई।



 आदेश में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक माता प्रसाद, क्षेत्राधिकारी (तिलहर) मुन्नू लाल, क्षेत्राधिकारी (जलालाबाद) जयकरण सिंह भदौरिया, क्षेत्राधिकारी (सदर) आरके सिंह (सभी तत्कालीन अधिकारी) समेत 18 पुलिसकर्मियों पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए थे।




 उल्लेखनीय है कि यह मामला उस दौर का है जब शाहजहांपुर जिले के तहसील जलालाबाद की कटरी में दस्यु कल्लू, नज्जू गिरोह, नरेश धीमर समेत कई गिरोह अपना आतंक मचाए हुए थे।

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