गायत्री के लिए वरदान साबित हुई आयुष्मान भारत योजना
लाभान्वित कैंसर इलाज के लिए मिले तीन लाख रुपए
आशा संगिनी कंचन पांडे ने किया सहयोग
ऑपरेशन के लिए 8935 जिला वासी लाभान्वित
आजमगढ़ से तनवीर आलम की रिपोर्ट।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद की गायत्री देवी के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वरदान साबित हुई। कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे परिवार के लिए आशा संगिनी कंचन पांडे किसी देवी से कम नहीं। आशा संगिनी की मदद से आज गायत्री का ऑपरेशन के बाद तीन लाख का मद्द मिल पाया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जनपद में अब तक 8935 लोग ऑपरेशन करवा चुके हैं।
आयुष्मान भारत योजना के जिला सूचना प्रणाली प्रबन्धक अजय प्रताप सिंह ने बताया कि समय-समय पर जिले में विशेष अभियान चलाकर,जिन लोगों के पास प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा भेजा गया पत्र प्राप्त हुआ है, उन लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जाता है।
लेकिन फिर भी गोल्डन कार्ड बनाने के प्रति लोगों की जागरूकता की कमी के कारण जिले के अतरौलिया ब्लॉक के अंतर्गत गाँव रतुआपार निवासी गायत्री देवी के स्तन कैंसर का सफल ऑपरेशन लखनऊ में किया गया। लेकिन आशा संगिनी कंचन पांडे के सहयोग से ऑपरेशन के बाद लाभार्थी के पति द्वारा गोल्डेन कार्ड के लिए पंजीकरण करवाया गया। उसके बाद आयुष्मान कार्ड पत्र को (गोल्डन कार्ड) के लिए पंजीकृत कर ऑपरेशन के बाद इलाज का पूरा खर्च आयुष्मान भारत योजना द्वारा किया गया।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कैंसर, हृदय, न्यूरो (मस्तिष्क), रीढ़ आदि के ऑपरेशन का खर्चा भी योजना के तहत दिया जाता है। जिले में अब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 8935 लोगों का ऑपरेशन किया गया, साथ ही 35 लोग इलाज पर हैं, जिले में 1989551 लक्ष्य के सापेक्ष 227326 गोल्डन कार्ड बनाये गए हैं।
ब्लॉक अतरौलिया, गाँव रतुआपार निवासी स्तन कैंसर से प्रभावित लाभार्थी गायत्री देवी के पति संतोष उपाध्याय ने बताया कि मेरी पत्नी को स्तन कैंसर होने का पता चला तो मैं कई अस्पतालों में गया। सभी डॉक्टरों के द्वारा बतायी हुई सारी जांच करवाता गया, और दवा भी किया। लेकिन मेरी पत्नी ठीक नहीं हो रही थी। फिर किसी ने लखनऊ पीजीआई ले जाने का सलाह दिया और मैं पत्नी को लेकर लखनऊ चला गया। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होने आपरेशन कि सलाह दी। ऑपरेशन के लिए खेत बेचकर और रिश्तेदारों से पैसा जुटा कर लखनऊ गया।
ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कहा की अभी भी कम से कम तीन लाख लगेंगे, मैं परेशान हो गया, तब डॉक्टर ने कहा कि आयुष्मान का कार्ड बनवा लो, तुम्हारी पत्नी का बाकी का इलाज मुफ्त हो जाएगा। तब मैं घर बेचने के बारे में सोचने लगा तभी किसी ने कहां की अपनी आशा से मिलो हो सकता है बन जाए आशा का नाम कंचन पांडे है।
अतरौलिया ब्लॉक की आशा संगिनी कंचन पांडे ने बताया की पहले मैं आशा थी, गायत्री देवी के पति संतोष उपध्याय आये थे। उन्होने कहा ऑपरेशन के लिए खेत बेच दिया हूँ, लेकिन अभी भी तीन लाख रुपए का खर्चा है अगर आयुष्मान कार्ड नहीं बना तो मकान बेचना पडेगा। मैंने उनसे कहा अस्पताल में बात करती हूं।
अस्पताल में आवेदन पत्र दिया। लाभार्थी के पति संतोष को 5 से 6 बार अस्पताल लेकर जाने के बाद आयुष्मान गोल्डन कार्ड बन गया। और ऑपरेशन के बाद इलाज का लगभग तीन लाख का भुगतान आयुष्मान द्वारा किया गया। आज गायत्री स्वस्थ और परिवार के साथ खुश है।
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