Sunday 30 January 2022

आजमगढ़ जिलाधिकारी ने डीआईओएस के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन और चुनाव आयोग को भेजा रिपोर्ट।


 आजमगढ़ जिलाधिकारी ने डीआईओएस के खिलाफ कार्यवाही  के लिए शासन और चुनाव आयोग को भेजा रिपोर्ट।



जांच में टेट परीक्षा में नकल कराने में डीआईओएस की संलिप्तता मिली।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद में हाल ही में संपन्न हुई टीईटी में नकल कराने का ठेका लेने वाले डीआईओएस कार्यालय के एक लिपिक सहित कई विद्यालयों के प्रबंधकों को पुलिस ने भारी भरकम रुपयों के साथ गिरफ्तार किया था। 



मामला उजागर होने पर जिलाधिकारी ने एडीएम प्रशासन से जांच करवाई। जिसमें डीआईओएस की भी संलिप्तता पाई गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने डीआईओएस के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन और चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजा है।



बताते चलें कि जिले में 23 जनवरी को टीईटी आयोजित की गई थी। जिसमें परीक्षा को पास कर शिक्षक बनने की चाह रखने वालों ने नकल माफियाओं से संपर्क किया और उन्हें ठेका दे दिया। परीक्षा से पहले ही रामपुर जिला सहित अन्य क्षेत्रों के नकल माफिया जिले में सक्रिय हो गए और स्कूल के प्रबंधकों से साठगांठ करके नकल कराने की रणनीति तैयार कर ली। उधर, नकल माफियाओं के सक्रियता का इनपुट एसपी अनुराग आर्य को हुई तो वे पुलिस टीम लगाकर 23 जनवरी की सुबह से ही शहर के होटल और लाज में ठहरे आरोपियों को उठाने लगे। परीक्षा समाप्त होने के दूसरे दिन ही पुलिस ने 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके पास से 2.70 लाख रुपये नगद, 48.50 लाख रुपये का चेक, दो लग्जरी कार और नकल माफियाओं के संबंध में लिखे गए महत्वपूर्ण नोट्स वाली डायरी बरामद की।



 गिरफ्तार आरोपियों में डीआईओएस कार्यालय में तैनात लिपिक और कई विद्यालयों के प्रबंधक भी शामिल हैं। पुलिस के खुलासे के बाद जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच एडीएम प्रशासन अनिल कुमार मिश्रा से करवाई। एडीएम की जांच में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) भी दोषी पाए गए। 



एडीएम की रिपोर्ट पर डीएम ने डीआईओएस के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन और चुनाव आयोग को पत्र भेजा है।

आजमगढ़ के जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने बताया कि टीईटी परीक्षा में नकल कराने के आरोप में डीआईओएस कार्यालय का एक कर्मचारी गिरफ्तार होने पर एडीएम से पूरे मामले की जांच कराई गई। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) की भी भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन और चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है।

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