Friday 28 January 2022

आजमगढ़ शीतलहर में शिशु को सर्दी से बचाने के लिए अपनाएँ, कंगारू मदर केयर विधि – सीएमएस डॉ मंजुला सिंह।


 आजमगढ़ शीतलहर में शिशु को सर्दी से बचाने के लिए

अपनाएँ, कंगारू मदर केयर विधि – सीएमएस डॉ मंजुला सिंह।




छः महीने तक सिर्फ स्तनपान 

शिशु की बढ़ेगी प्रतिरोधक क्षमता, रहेगा सुपोषित।



आजमगढ़ से तनवीर आलम की रिपोर्ट।




उत्तर प्रदेश आजमगढ़, 28 जनवरी 2022 

मां का दूध नवजात की प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए शिशु को मां का दूध अवश्य पिलाएं। यह कहना है जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य अधीक्षक डॉ मंजुला सिंह का। 



डॉ मंजुला सिंह ने कहा की दो तीन महीनों के बीच (नवंबर से जनवरी) में जन्मे हुए नवजात में थोड़ी सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। मां से मिलने वाला दूध नवजात के पोषण की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम रहता है। शीतलहर में बच्चों को घर से बाहर ले जाने से बचना चाहिए।



डॉ मंजुला सिंह ने बताया कि कंगारू मदर केयर एक ऐसा उपाय है, जिससे ना सिर्फ शिशु का तापमान सही होकर सर्दी से बचाव करता है बल्कि कम वजन के साथ जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए भी अपनाया जाता  है। इसमें शिशु को मां के सीने से सीधे  चिपकाकर रखा जाता है।



 ताकि मां के शरीर की गर्माहट आसानी से शिशु में स्थानांतरित हो सके। आवश्यकता पड़ने पर मां के अलावा पिता या परिवार का कोई भी सदस्य इसी तरीके से नवजात को कंगारू मदर केयर दे सकते हैं। 



ठंड से लड़ने में भी सहायक- छ: माह तक केवल स्तनपान ही इन नवजातों के रोग प्रतिरोधक क्षमता में विकास के साथ उनके लिए ठंड से लड़ने में भी सहायक होता है। शिशुओं को लगातार छ: महीने तक उनकी मां का दूध अवश्य मिलना चाहिए।



 नवजात के शरीर में हो रहे सभी प्रकार के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है। इस समय नवजात केवल अपनी मां के दूध पर ही पूरी तरह निर्भर रहते हैं। 



प्रतिरोधक क्षमता व संक्रमण से बचाता है-

कोरोना के दौरान नवजातों की प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में भी मां का दूध बेहद महत्वपूर्ण है। प्रथम पीला गाढ़ा दूध के बाद भी मां से मिलने वाला दूध नवजात के पोषण की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम रहता है।  



कोरोना के दौरान यदि किसी बाहरी व्यक्ति का स्पर्श होता है तो भी  मां का दूध नवजातों को मिलते रहने से उनके संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है। साथ ही शिशु का पोषण भी संतुलित रहता है।

No comments:

Post a Comment