Saturday 22 January 2022

उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ में मना खुशहाल परिवार दिवस


 उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ में मना खुशहाल परिवार दिवस


स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों के जन्म में अंतर जरूरी 

दो बच्चों के बाद महिला व पुरुष अपनाएँ नसबंदी, बनायें खुशहाल परिवार 



आजमगढ़ से तनवीर आलम की रिपोर्ट।





आजमगढ़ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का कहना है कि  मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की एक अहम भूमिका होती है। इसी उद्देश्य से जिले में प्रत्येक माह की 21 तारीख को  खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता हैं। 





इस कार्यक्रम में दंपति की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तीन वर्ग के दंपति  को प्रोत्साहित किया जाता है। पहले में हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी (एचआरपी) वाली महिलाएं होती हैं, दूसरे में नव-विवाहित दंपति और तीसरे वर्ग में योग्य दंपति को शामिल किया जाता है। 



जिला महिला चिकित्सालय कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ मंजूला सिंह ने बताया कि इस दिवस पर महिलाओं को परिवार-नियोजन के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें इसका महत्व समझाया जाता है। 



स्वस्थ परिवार के लिए बच्चों के जन्म में अंतर, दो बच्चों के बाद महिला व पुरुष का नसबंदी जैसे साधनों का प्रयोग कर स्वस्थ व खुशहाल परिवार बना  सकते हैं। गर्भावस्था, प्रसव के समय व प्रसव के पश्चात का समय स्वास्थ्य के मद्देनजर से अधिक महत्त्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान प्रसूता की देखभाल के साथ ही पौष्टिक आहार व साफ–सफाई पर भी ध्यान देने के लिए भी जागरूक किया जाता है।  स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरु किया गए इस कार्यक्रम में महिलाओं को परिवार-नियोजन के स्थायी व अस्थाई साधनों की भी जानकारी दी जाती है। 



परिवार-नियोजन सम्बन्धी जागरूकता लाने और आयोजन में दंपति की भागीदारी बढ़ाने के लिए  प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा सभी सुविधायें उपलब्ध करायी गयीं।  

जिला महिला चिकित्सालय में शुक्रवार को खुशहाल परिवार दिवस पर गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा 220 महिलाओं ने अपनाया और पीपीआईयूसीडी 1, छाया 25, माला 10, महिला नसबंदी 10 के साथ कंडोम वितरण किया गया।  सभी सेवाएँ नि:शुल्क उपलब्ध करायी गईं।  




जिला महिला चिकित्सालय में आयी सरिता ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं, आशा द्वारा परिवार नियोजन की जानकारी दी गयी। आशा के साथ आई और परिवार नियोजन के साधनों को समझकर,अपनाया, अब मुझे कोई दिक्कत नहीं हैं।

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